Monday 9 November 2015

दुल्हन सा सज़ा अंधियारा

कानों में दीपों की बाली
गले मे लटके झालर माला
बिछुओं में जड़ी हुई है
बाती की झरझर काया
दुल्हन सा सज़ा हुआ है अंधियारा |

दीपों के पर्व पर
चूनर लाल ओढ़े अंधियारा
पाँव फुलझड़ी की पायल
महका हुआ सा अंधियारा
दुल्हन सा सज़ा हुआ अंधियारा |

माथ अंधियारा , सुलभ सुनहरा
चटक रंगीला उंजियाला
रंगोली में लिपटा
जगमगाता अंधियारा |

दूध मिठाई, पूजन अर्चन
छुपा छुपा रोए अंधियारा |
उंजले घरोंदों में
तकलीफ़ों से पलता अंधियारा |
दुल्हन सा सज़ा अंधियारा |

कहे तानों में,
भरे कंठ से
उंजले से अंधियारा -
ये उँचे लंबे महलों में , रोज़ दो रोज़
आँधियारा बनता है उंजियाला |

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